आम लोग वाद-विवाद के दौरान राजनीतिक राय रखते वक़्त कई शब्दों का प्रयोग करतें हैं। पर अगर आप उनसे उन्ही के द्वारा प्रयोग किये गए शब्दों का अर्थ पूछेंगे तो शायद वे बता न पायें।
आइये राजननीति में प्रचलित कुछ शब्दों के अर्थ और उनकी उत्पत्ति के बारे में जानते हैं।
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वामपंथ (Left-wing) – वामपंथ राजनीतिक विचारधारा है। इसके सिद्धांत राजतन्त्र और सामाजिक असमानता का विरोध करते है। वाम सिद्धांतो की राजनीति करने वाले लोग समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास, धर्मनिरपेक्ष समाज और सामाजिक समानता जैसे मुद्दों की वकालत करते है। वाम सिद्धांतो में परिवर्तन,निरंतर परिवर्तन तथा अतीत एवं परंपरा से भविष्य की ओर जाने का आग्रह रहता है। भारतीय संदर्भ में, कम्युनिस्ट पार्टियों, सीपीआई, सीपीआई (एम) आदि में, वामपंथी राजनीति के उदाहरण हैं। वामपंथ शब्द की उत्पत्ति फ्रांसीसी क्रांति से हुई है। फ्रांस के नेशनल असेंबली में अर्द्धचन्द्राकार बैठने की व्यवस्था में राजतंत्र के पक्षधर दायेँ-राईट में बैठते थे और राजतंत्र के विरोधी बायेँ-लेफ्ट में बैठते थे। बायें तरफ बैठने वालो को ही वामपंथी विचारधारा का कहा जाता था।
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दक्षिणपंथ (Right-wing) – इस विचारधारा को मानने वाले को अतिवादी दृष्टिकोण की ओर झुका हुआ माना जाता है। जिसका मुख्य उद्देश्य क्रांति को रोकना है तथा जो कुछ भी अस्तित्व में आ चुका है, उसे मजबूत करना है। इनकी कोशिश रहती है कि परंपरा का इस्तेमाल किया जाए, सुधारा जाए, एक-एक कर बदला जाए, लेकिन उखाड़ कर फेंका न जाए। दक्षिणपंथ शब्द का उद्भव भी फ्रांसीसी क्रांति से हुआ है। फ्रांस के नेशनल असेंबली में अर्द्धचन्द्राकार बैठने की व्यवस्था में राजतंत्र के पक्षधर दायेँ-राईट में बैठते थे और राजतंत्र के विरोधी बायेँ-लेफ्ट में बैठते थे। दायें तरफ बैठने वालो दक्षिणपंथी कहा जाता था। भारतीय संदर्भ में शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी दक्षिणपंथी विचारधारा वाली पार्टी मानी जाती है।
- मध्यमार्गी (Centrist) – मध्यमर्गियो के सिद्धान्त, परिवर्तन की प्रक्रिया को स्वीकार तो करते है, लेकिन इसकी कोशिश यह रहती है कि परिवर्तन की गति को धीमा ही रखा जाए। साथ ही यह अतिवाद से डरते है और क्रांतिकारी नहीं होना चाहते हैं। यूरोप में हुआ 19वीं सदी का उदारवादी आंदोलन को इससे संबंधित माना जाता है। भारतीय राजनीति में कांग्रेस को मध्यमार्गी सिद्धान्तों की राजनीति करने वाली पार्टी कहा जाता है।
- लिबरलिस्म (Liberalism ) – उदारवाद एक राजनीतिक विचारधारा है। इस विचारधारा को मानने वाले लोगो का नजरिया स्वतंत्रता के विचारों पर आधारित है। इस विचारधारा के सिद्धांत मूल रूप से बोलने की स्वतंत्रता, प्रेस की स्वतंत्रता, मुक्त बाजार, नागरिक अधिकार, लोकतांत्रिक समाज, धर्मनिरपेक्ष सरकार समानता के व्यवहार और प्रगति की आकांक्षा का समर्थन करते हैं।